सन 1936 में अली अकबर खां साहब ने पहली बार एकल प्रस्तुति दी। उस समय उनकी उम्र महज 14 साल थी। एकल वादन की पहली प्रस्तुति का मंच बना था, इलाहाबाद। इसके दो वर्ष के भीतर अली अकबर खां साहब का नाम पूरे देश में जाना जाने लगा। लोग कहते हैं कि अली साहब का सरोद वादन ऐसी अवस्था में जा पहुंचता था, जहां वह नाद और ब्रम्ह के बीच स्वरों का एक सेतु निर्मित कर देता था। वहां केवल एक अलौकिक आनंद तैरता था। अली अकबर खां का जन्म 14 अप्रैल 1922 को त्रिपुरा के शिवपुर गांव में हुआ था। वे अलाउद्दीन खां की तीसरी संतान थे। अली साहब का निधन 87 साल की उम्र में 19 जून 2009 को अमेरिका में हुआ।
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