Wednesday, May 16, 2012

दिल की बस्तियां पतझड़ में भी आबाद रखते हैं।
हम अपने आप को हर हाल में आज़ाद रखते हैं।।
कई शहरों की आबो हवा के आदी हैं हम लेकिन,अपने दिल में हम हरदम इलाहाबाद रखते हैं।।........ विकास गुप्ता

1 comment:

Unknown said...

My dear Pradeep,
Saw your blogg and liked.
Why did you not post any matter after 16-05-2012 ?
Dhirendra Sharma
Allahabad