Friday, March 20, 2009


1 comment:

Anonymous said...

रंगों की बारिश, भीगे तन और साफ हुए मन। तारों पर अभी तक लटके होलियारों के कपड़े, वाकई लाजवाब है इलाहाबाद की होली। इधर, हमारे हरियाणा में नहीं होती ऐसी होली। हो तो मजा आ जाए।