उम्र 51 वर्ष, किताबें प्रकाशित 1024, सम्मान पुरस्कार मिले 40, सोलह पत्र-पत्रिकाओं का संपादन, दिनमान से लेकर भूभारती तक 26 पत्र-पत्रिकाओं में स्तंभ लेखन, अनेक राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय आयोजनों में भागीदारी। यह सारा कमाल एक आदमी का। उपलब्धियों का यह खजाना देखकर भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम बोल उठे - ओ मेरे प्यारे युवा दोस्त। तुम्हारी उपलब्धियों को देखकर मैं हैरान हूं। कोई विश्वास नहीं कर सकता। तुम्हारे भाषा, साहित्य, व्याकरण, विज्ञान, समसामयिक विषयों और बाल साहित्य के ज्ञान को देखकर मैं हतप्रभ हूं। तुम्हारी श्रेष्ठता को छूना किसी के लिए भी कठिन है।
ऐसा कमाल कौन कर सकता है? आप सही समझे, कोई इलाहाबादी ही यह करिश्मा कर सकता है। आइए, हम उससे आपको मिलवाते हैं। यह हैं- डॉ. पृथ्वीनाथ पांडेय। ठेठ इलाहाबादी। लेखन को समर्पित एक अप्रतिम हस्ताक्षर। तीन विषयों हिन्दी, अंग्रेजी और प्राचीन इतिहास में एमए। पीएच-डी। हिन्दी, संस्कृत, अंग्रेजी और उर्दू चार भाषाओं के जानकार। पत्रकारिता से लेकर साहित्य लेखन तक में समान अधिकार । दुनिया की लगभग सभी कृतिकार परिचय निर्देशकाओं में शीर्षस्थ लेखक के रूप में स्थापित। दि अमेरिकन बॉयोग्राफिक्स इंस्ट्टियूट तथा दि रिसर्च बोर्ड ऑफ एडवाइजर्स के मानद सदस्य। सम्प्रति इलाहाबाद स्थित पत्रकारिता एवं जनसंचार संस्थान के निदेशक।
डॉ. पृथ्वीनाथ पांडेय का जन्म 1 जुलाई 1959 को बलिया में हुआ। उनके पिता एजी ऑफिस, इलाहाबाद में कार्यरत थे। इसलिए पृथ्वीनाथ होश संभालने के पहले ही इलाहाबाद आ गए और इलाहाबाद के ही होकर रह गए। डॉ. पांडेय इलाहाबाद में ही पले, इलाहाबाद में ही पढ़े और यहीं बस गए। उनके कृतित्व पर दैनिक जागरण, जनवार्ता, हिन्दुस्तान, युनाइटेड भारत, अमृत प्रभात, स्वतंत्र भारत, दि पायनियर, हिन्दुस्तान टाइम्स और नार्दर्न इंडिया पत्रिका सहित तमाम पत्र-पत्रिकाओं में आलेख प्रकाशित हो चुके हैं। तो आइए बोलें- सरस्वती से वरदान प्राप्त इस इलाहाबादी की जय हो।
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